समाज के लोग आर्थिक रूप से सक्षम बने- राव

Saturday, 16 October 2010

रानीवाड़ा।
राव समाज में सामाजिक सद्भावना, संगठन एवं विकास के उद्देश्य से सुंधामाता पर्वत पर समाज की धर्मशाला को बनाने का सपना आज पूरा हो रहा है। समाज में उर्जा का नवसंचार करने में यह धर्मशाला सेतु का काम करेगी। यह बात आज सुंधामाता पर्वत पर राव समाज की नवनिर्मित महाकवि चंदवरदाई धर्मशाला के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व संस्थापक मुफतसिंह राव ने कही। उन्होंनें कहा कि समाज में शिक्षा, संस्कार व परंपरा का निर्वहन एवं सुधार आवश्यक है। समाज की भावी पीढी सुंस्कारित व सुशिक्षित बने, इसके लिए समाज के लोगों को संगठित होकर शिक्षा क्षेत्र की ओर विशेषतया ध्यान देना होगा। समाज के लोग आर्थिक रूप से सक्षम बने इस बारे में प्रयास करना चाहिए। उन्होंनें धर्मशाला के निर्माण के दौरान आई समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी देकर नवनिर्मित धर्मशाला में सुविधाओं व व्यवस्थाओं के बारे में बताया।
समाजसेवी बाघसिंह राव पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने विकास के लिए सामाजिक सद्भावना का होना बेहद जरूरी बताया। उन्होंने आगे कहा कि समाज को धार्मिक संस्कारों से सुसंस्कारित करना आवश्यक है। समाज के लोगों को अपने निजी हित का त्याग कर समाज हित में कार्य करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि श्रवणसिंह बोरली ने भी समाज सुधार एवं विकास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मेवाड़ से आए डॉ. कल्याणसिंह ने सामाजिक विकास के लिए शिक्षा पर जोर देना बहुत जरूरी बताया। उन्होंने अनुरोध किया कि वे उदयपुर की तरह पांच पट्टी राव समाज में भी सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का वार्षिक आयोजन करे। जिससे समाज में आपसी समन्वय एवं मैत्री का भाव पैदा होगा। राजस्थान बार एसोशियन के सदस्य रतनसिंह आसोलिया ने कहा कि राव समाज अन्य सभी समाजों के साथ मिलकर एक सुनहरे समाज का निर्माण करने की इच्छा रखती है।
खंदराधाम के संत श्री पोमजी महाराज ने आशीर्वचन के रूप में समाज में मित्रता, प्रेम, सदभाव रखकर प्रगति की ओर जाने की बात कही। उन्होंनें कहा कि राव समाज वर्तमान समय में व्यवसाय, शिक्षा सहित सामाजिक कार्यों में लगातार प्रगति कर रहा है। समाज के बंधु हर क्षेत्र में अपना, समाज व प्रदेश का नाम ऊंचा कर रहे है। उन्होनें समस्त समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे आपसी ईष्र्या, द्वेष, नशे आदि की बुराई और संकीर्ण मानसिकता को छोड़कर एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना योगदान देने की बात कही।
इस अवसर पर सरदारसिंह ओपावत, विरदसिंह पूर, मिसरसिंह बोरली, गुमानसिंह मणधर, शंकरसिंह जालोर, दलपतसिंह कारोली, जीवराजसिंह घंटियाली, गुमानसिंह घंटियाली, प्रतापसिंह सांचोर, मानसिंह सेवड़ी, हिरसिंह नोहरा, रूपसिंह भीनमाल, बिरदसिंह सनवाल, महेशसिंह मोरवाड़ा, भूपसिंह लोदरणी, शिवनाथसिंह बूटड़ी, श्रवणसिंह चांदाणा, बगसिंह भीनमाल, प्रेमसिंह जोधपुर, जालमसिंह रानीवाड़ा, अमरसिंह भीनमाल, शेतानसिंह कैलाशनगर, परबतसिंह कोडिटा सहित कई लोगों ने भाग लेकर समाजहित में अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पूर्व शुक्रवार रात्री को शासनिक राव समाज के सौजन्य से सुंधामाता मंदिर परिसर में भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें प्रकाश माली एण्ड पार्टी द्वारा प्रस्तुत गीतों व नृत्यों से समा बांध दिया। ख्याति प्राप्त गायक कलाकार प्रकाश माली एवं उनकी पार्टी के कलाकारों द्वारा नवरात्री के अवसर पर सुंधामाता के भजनों का प्रस्तुतीकरण देकर श्रोताओं को नाचने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के प्रस्तुत गीतों पर पूरे पांडाल में तालियों की गडगड़ाहट से गूंज उठा। इस भजन संध्या को लेकर सुंधामाता मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।